Aparna Sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -14-Jul-2023

दैनिक प्रतियोगिता 

स्वैच्छिक कविता 

 - *आया सावन झूम के*  

दिल ने दिल को पुकारा है 
महादेव को ये अति प्यारा है
गौरा ने तप कर प्रसन्न किया 
तब शिव ने उसको तारा है ! 

 दुख के काले बादल हटे
तब वर्षा आई मेघ फटे ! 
हर इक जीव की प्यास मिटे 
जीवन में नव अंकुर फूटे ! 

झरनों ,नदियों ,वन उपवन में 
धरती का रूप निखारा है, 
सर्वत्र फैली हरियाली 
फूलों ने जगत संवारा है !

सावन झूम के यूं आया कि 
इन्द्र धनुष तब छाया है !
शिव शक्ति जब एक हुए
तभी क्षितिज बन पाया है। 

अपर्णा गौरी शर्मा

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5 Comments

बेहतरीन अभिव्यक्ति

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Abhinav ji

15-Jul-2023 07:36 AM

Very nice 👍

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Milind salve

14-Jul-2023 08:49 PM

Nice 👍🏼

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